Bhagirath Sena Protest for Phule Film Release and Bharat Ratna for Phule Couple
फुले दंपत्ति को भारत रत्न देने की मांग को लेकर Bhagirath Sena का जोरदार प्रदर्शन, पढ़ें पूरी खबर।
दीपक राठी (संवाददाता): उत्तर प्रदेश के जनपद शामली की कलक्ट्रेट में Bhagirath Sena ने एक बड़ा प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने महात्मा ज्योतिबा फुले के जीवन पर आधारित फिल्म की रिलीज़ को लेकर आवाज़ उठाई और फुले दंपत्ति को भारत रत्न देने की मांग की। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इस फिल्म पर सेंसर बोर्ड की रोक युवाओं को प्रेरणा देने वाले एक महान अवसर को छीनने जैसा है।
फुले फिल्म पर सेंसर बोर्ड की रोक – Bhagirath Sena की प्रतिक्रिया
Bhagirath Sena के सदस्य फुले फिल्म पर सेंसर बोर्ड द्वारा लगाई गई रोक के खिलाफ हैं। उनका मानना है कि महात्मा फुले के जीवन संघर्ष पर बनी इस फिल्म को रोकने से समाज सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम पीछे हो जाएगा। इस फिल्म के माध्यम से समाज के युवा वर्ग को फुले दंपत्ति के संघर्ष और उनके योगदान से प्रेरणा मिल सकती है।
भगीरथ सेना की मांग – फुले दंपत्ति को भारत रत्न दिया जाए
Bhagirath Sena ने यह भी मांग की कि महात्मा ज्योतिबा फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले को उनके महान कार्यों के लिए भारत रत्न मिलना चाहिए। उनका कहना है कि फुले दंपत्ति ने भारतीय समाज को सुधारने के लिए जो ऐतिहासिक कार्य किए, वह अविस्मरणीय हैं और उन्हें इसका सम्मान मिलना चाहिए।
फिल्म के प्रति युवाओं की जागरूकता बढ़ाने का उद्देश्य
संगठन के सदस्य इस बात पर जोर दे रहे थे कि महात्मा फुले के जीवन पर आधारित फिल्म समाज में जागरूकता फैलाने का एक प्रभावी माध्यम हो सकती है। Bhagirath Sena का कहना है कि इस फिल्म के जरिए युवा पीढ़ी को फुले दंपत्ति के विचारों और उनके संघर्ष से प्रेरणा मिलेगी, जो समाज के प्रति उनके दृष्टिकोण को और मजबूत कर सकती है।

भगीरथ सेना का प्रदर्शन – एक ऐतिहासिक कदम
शामली में Bhagirath Sena द्वारा आयोजित यह प्रदर्शन न केवल एक बड़े उद्देश्य की ओर था, बल्कि यह एक ऐतिहासिक प्रयास भी था। भगीरथ सेना ने यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि समाज सुधारकों के योगदान को न केवल पहचाना जाए, बल्कि उनका सम्मान भी किया जाए। उनके प्रदर्शन ने यह संदेश दिया कि समाज सुधारकों का योगदान देश के इतिहास में महत्वपूर्ण है और हमें उन्हें सम्मानित करना चाहिए।
सेंसर बोर्ड की रोक और इसके प्रभाव
फुले फिल्म पर सेंसर बोर्ड द्वारा लगाई गई रोक को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं। भगीरथ सेना का मानना है कि यह फिल्म समाज में समानता और न्याय की भावना को बढ़ावा देती है, जिससे युवा पीढ़ी को समाज सुधारक महात्मा फुले के योगदान को जानने और समझने का मौका मिलता।
भगीरथ सेना का भविष्य का आंदोलन
Bhagirath Sena ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो वे भविष्य में और भी बड़े आंदोलनों का हिस्सा बनेंगे। उनका उद्देश्य यह है कि समाज सुधारकों के योगदान को पहचाना जाए और उनका सम्मान बढ़े।
Bhagirath Sena द्वारा आयोजित यह प्रदर्शन एक महत्वपूर्ण संदेश है, जो महात्मा ज्योतिबा फुले और उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले के योगदान को समाज में सही रूप से पहचानने की आवश्यकता को उजागर करता है। इस प्रदर्शन के माध्यम से संगठन ने फुले फिल्म की रिलीज़ पर लगे प्रतिबंध को हटाने और फुले दंपत्ति को भारत रत्न देने की मांग की।
उनका यह आंदोलन यह दिखाता है कि समाज सुधारक महात्मा फुले के योगदान को न केवल सराहा जाना चाहिए, बल्कि युवा पीढ़ी को उनके संघर्ष और विचारों से प्रेरणा मिलनी चाहिए। यदि Bhagirath Sena की मांगें पूरी होती हैं, तो यह समाज में एक सकारात्मक बदलाव का कारण बन सकती हैं, जो समाज सुधार के प्रयासों को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।
फिल्म के माध्यम से युवाओं को फुले दंपत्ति के जीवन संघर्ष से प्रेरणा मिल सकती है, और यह समाज में समानता और न्याय के मूल्यों को बढ़ावा देने में सहायक हो सकता है। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने समाज सुधारकों को सही सम्मान और पहचान दें, ताकि उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बना रहे।